स्वस्थ पशु की परख कैसे करें ?

Dr Sushil Kumar, M.V.Sc, BASU, India

पशुपालक अपने पशु को खुद अवलोकन कर स्वस्थ पशु या अवस्थ पशु में अंतर कर सकतें है, पशु के व्यवहार, आचरण या उत्पादन में अचानक परिवर्तन को मोनिटरिंग करते रहना चाहिए ।

स्वस्थ पशु सजग एवं अपने वातावरण के प्रति संवेदनशील होतें है, सुस्त एवं उदासीनता या निष्क्रियता अस्वस्थ पशु के लक्षण है ।

पशु अपने पैरो पर आराम से खरे हो सके, पैरों में जख्म या दर्द होने पर पशु आराम से खरे नहीं हो पातें हैं ।

पशु का चाल नार्मल हो उसे चलने में कठिनाई न हो, पैरों में जख्म या दर्द होने पर पशु के चल असामान्य हो जातें है ।

पशु अपने झुण्ड में सहज हों, बीमार पशु झुण्ड से अलग थलग हो जातें है ।

ऑंखें चमकीली सजग, तथा आंख से कोई श्राव न हो ।

कान खड़े एवं ध्वनि के दिशा की ओर कान का घूमना सामान्य स्वस्थ्य पशु की निशानी है ।

पशु की नाक साफ और नाक से कोई श्राव न हो ।

स्वस्थ गाय एवं भैस के मज़ल/थुथना नम होना चाहिए सुखा नहीं होना चाहिए, परन्तु भेद बकरी की थुथना ठंढी एवं सुखा होनि चाहिये ।

स्वस्थ पशु अपने जीभ से अपने नाक को साफ करते रहतें है ।

जुगाली करने बाले पशु कभी भी अपना लार नहीं टपकाते, जुगाली कम या बंद नहीं करते बीमार पशु में जुगाली/रुमिनेसन का कम होना बीमार पशु को दशाता है ।

स्वस्थ पशु के कोट चमकीला एवं अपने कोट को चाटते रहतें हैं ।

सामान्य साँस की प्रक्रिया सामान्य होनी चाहिए, तेज़ साँस या अजीब आवाज के साँस, स्वसन सम्बंधित बीमारी को दर्शाता है ।

पशु का मळ फर्म होना चाहिए, मूत्र क्लियर होना चाहिए ।

पशु अपना सामान्य चारा एवं जल ग्रहण करता हो, सामान्य भूख, प्यास स्वस्थ पशु की पहचान है ।

पशु के उत्पाद में अचानक कमी पशु के स्वास्थ में गिरावट को दर्शाता है ।

उपयुक्त में से कोई भी लक्षण दिखने पर, बिना समय बिताये अपने पशु चिकित्सक से सलाह लें ।

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